नाजों से पाला था जिसको मेरी लाडली वो ससुराल चली
सपने सजाए आंखों में मेरी लाडली पियाद्वार चली
डोली उठाओ रे कहार छोड़ बाबुल का संसार चली
आंखें हैं नम खुशिया नई नया बसाने वो संसार चली
इतनी ही दुआ हर खुशी मिले मेरी लाडली पिया के द्वार चली
भीगी है भावना शब्द भीगे भीगी है ग़ज़ल नैना भीगे
खुशियों से तेरा दामन भीगे नित रोज नया सिंगार सजे
रचने को नव जींवन का नूतन अध्याय चली
नाजों से पाला था जिसको मेरी लाडली वो ससुराल चली
Goapl gupta "Gopal "
Varsha_Upadhyay
06-Dec-2022 07:57 PM
बहुत खूब
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Sachin dev
06-Dec-2022 05:29 PM
Well done
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Gunjan Kamal
06-Dec-2022 01:27 PM
बहुत खूब
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